Saturday, 23 September 2017

Importance of Shell in Worship | पूजा में शंख का महत्त्व

प्राचीन काल में धार्मिक, अध्यात्मिक पूजा-पाठ में शंख की महत्वा रही है | अपने गुणों और प्रभावशीलता के कारण हिंदु पूजा पद्धति में शंख एक अत्यंत शुद्ध पूज्य वस्तु रही है | शंख का अनेक प्राचीन युगों में भी अध्यात्मिक तथा धार्मिक स्वरुप के बारे में काफी वर्णन है | इसे लक्ष्मी जी का सहोदर तथा विष्णु भगवान जी का प्रिय पात्र माना जाता है | प्राचीन काल से लेकर आज तक सभी मांगलिक कार्य हो मंदिर में पूजा, आरती अथवा कोई भी शुभ कार्य हो शंख अवश्य बजाया जाता है | शंख से निकलने वाली ध्वनि से मन में एक अद्भुत पवित्रता, अध्यात्मिक तथा आस्तिकता का संचार होता है | शंख का प्रयोग बहुत शुभ तथा मंगलकारी होता है |

कोई भी पूजा तथा कथा इसके बिना अधूरी मानी जाती है | शंख दो प्रकार के होते है | 

१) वामवर्ती शंख 
वामवर्ती शंख  प्राय: बहुतायत में मिलते है | वामवर्ती शंख  उन्हें कहते है जिनका पेट बायी और खुलता है | यह शंख प्राय: आसानी से मिल जाते है | यह शंख बजने के काम आते है | इसकी पवित्र ध्वनि से नकारात्मक ऊर्जा ख़तम हो कर सकारात्मक ऊर्जा बनती है | तथा सभी प्रकार के जादू-टोना भुत-प्रेत पिशाच का असर खत्म हो जाता है | प्रति दिन शंख बजने से ह्रदय रोग नहीं होता है, तथा घर के अन्दर समस्त कीटाणु नष्ट हो जाते है, जिससे की घर के सदस्यों की सेहत अच्छी रहती है |

2) दक्षिणावर्ती शंख
दक्षिणावर्ती शंख कम मात्रा में प्राप्त होते है | दक्षिणावर्ती शंख उन शंखो को कहते है, जिनका पेट दाहिने ओर खुलता है | दक्षिणावर्ती शंख को दहिनावर्ती शंख, विष्णु शंख, जमना शंख तथा लक्ष्मी शंख भी कहा जाता है | समुद्र मंथन के समय जब यह शंख निकला तो भगवान विष्णु ने इसे अपने दाहिने हाथ में धारण किया था इसलिए यह भगवान विष्णु तथा माता लक्ष्मी जी का प्रिय पात्र है | दक्षिणावर्ती शंख में जल भर कर भगवान् जी की मूर्तियों को स्नान कराया जाता है | इसको सुख सम्पति का प्रतिक माना गया है | यह एक दुर्लभ वास्तु है | जिस घर में यह शंख होता है, उस घर में लक्ष्मी निवास करती है | इस शंख को पूजा स्थान पर रखा जाता है | दक्षिणावर्ती शंख से सूर्य भगवान् और शिव शंकर जी को जल देने से शारीरिक मानसिक एवं पारिवारिक कष्ट दूर होते है | तथा मान-सम्मान में वृद्धि होती है |

Sphatik Shree Yantra | स्फटिक श्री यंत्र


स्फटिक रत्न एक मणि के समान होता है | इसलिए स्फटिक के बने श्री यंत्र सर्वश्रेष्ट माने जाते है | हिंदु धर्म के चार स्थम्भ चारों शंकराचार्य समझे जाते है | स्फटिक श्री यंत्र की पूजा करते है | हिंदु धर्म के प्रचंड ज्ञाता, महामंडलेश्वर, योगी, तांत्रिक प्रमुख सन्यासी सभी के पूजा स्थल में स्फटिक के श्री यन्त्र का प्रमुख स्थान है | इसे यंत्रराज की संज्ञा दी गयी है, क्योंकि बाकी सभी यंत्रो में मंत्रो के साथ धातुओ की शक्ति समायी हुई होती है परन्तु इसमें मंत्रो की शक्ति के साथ साथ दिव्या अलौकिक स्फटिक मणि की भी सम्पूर्ण शक्तियां होती है |

इसके अधिक प्रभावशाली होने के पीछे एक कारन और है की बाकि यंत्रों को धातु की प्लेट पर लिखा जाता है, जबकि स्फटिक श्री यंत्र को स्फटिक मणि पर उभारा जाता है, जिससे इसकी शक्ति हजारों गुना बढ़ जाती है | स्फटिक के श्री यंत्र को पूजा के स्थान पर रख कर इसकी सच्चे मन से पूजा करने पर धन-धान्य की कमी नहीं होती तथा सुख-सुविधा तथा सम्मान में वृद्धि होती है | महीने में एक बार इसको नमक के पानी से धोना चाहिए |

Benefits of Horse Shoe and Small Coconut | घोड़े की नाल और लघु नारियल के फायदे


घोड़े की नाल
ऐसा माना जाता है की घर अथवा कार्य स्थल के मुख्या दरवाजे के ऊपर घोड़े की नाल लगाने से सभी प्रकार के तांत्रिक प्रभाव नष्ट हो जाते है तथा जादू-टोने तथा नजर लगने से रक्षा होती है | इसका मुह ऊपर के तरफ हो या निचे की तरफ इस बारे में काफी मतभेद है | जो विज्ञान इसे निचे की तरफ करके लगाने को कहते है वह तर्क देते है की निचे की तरफ लगाने से ही सौभाग्य की प्राप्ति होती है | काले घोड़े की नाल सबसे अच्छी मानी जाती है |


लघु नारियल 
यह बहुत ही छोटे आकार का नारियल होता है जो नारियल के विशेष प्रकार के दुर्लब पेड़ो पर लगता है | इसका प्रयोग धन वृद्धि के लिए किया जाता है | इसके सामने भी लक्ष्मी जी के मंत्र का जाप किया जाता है | इसे पूजा के स्थान में रखने से मानसिक शांति प्राप्त होती है | धन के स्थान पर रखने से धन का भंडार खाली नहीं होता | इच्छापूर्ति के लिए इसकी यज्ञ में आहुति दी जाती है |

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Horse Shoe
It is believed that by placing a horseshoe over the main door of the house or work place, all kinds of tantric effects are destroyed and protection from magic and evil eye sight is achieved. There is a great difference of opinion whether to face the horse shoe above or on the lower side. The science that asks to apply it on the lower side, argues that good luck is achieved by putting it downwards. The black horse shoe is considered as the best one.

Small Coconut
It is very small coconut which is found on rare trees of coconut. It is used for money enhancement. By sitting in front of it, the Mantra of Lakshmi ji is chanted. Mental peace can be attained by placing it in the place of worship. Keeping it in the place of wealth does not empty the stock of money. This coconut is offered in fire as sacrifice for the fulfillment of worldly desires.

Shwetark Ganpati | श्वेतार्क गणपति


कोई भी कार्य शुरू करते समय गणेश जी की पूजा सबसे पहले की जाती है | सभी घरों में गणेश जी की मूर्ति या चित्र आपको मिल जायेगा | श्वेतार्क गणपति के नाम से जो मूर्ति प्रसिद्ध है वह प्रकृति की देन है | श्वेतार्क का अर्थ है सफ़ेद रंग के आक का पौधा | 

आमतौर पर आक के पौधे पर बैंगनी रंग के फुल लगते है लेकिन घने जंगलो के अन्दर सफ़ेद फुल वाले आक के पौधे की जड़ पर प्राकृतिक रूप से गणेश जी की मूर्ति के समान आकृति दिखाई पड़ती है | उसे काट कर अलग कर लेते है | सफ़ेद आक का पौधा बहुत कम पाया जाता है | इसलिए उसे दुर्लभ पौधा माना जाता है | इसे घर के पूजा स्थल में लाल कपडे पर रखते है | 

जिस घर में श्वेतार्क गणपति की नित्य पूजा होती है वहां कभी धन तथा अन्न का आभाव नहीं होता | वहां लक्ष्मी जी का वास हमेशा होता है | संतान प्राप्ति तथा सुख शांति के लिए श्वेतार्क गणपति की पूजा श्रेष्ट मानी जाती है |

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Before starting any work, worship of Ganesha is done first. You will find Ganesh ji's statue or picture in all the houses you visit. The idol that is famous in the name of Shvetarak Ganapati is nature's donation. Shvetarak means white madar plant (Calotropis gigantea).


Typically, the Madar plant seems to be full of purple flowers, but on the roots of this white-flowering Madar tree there appears to be a statue like figure of Ganesh ji, which is inside the dense forest. This is cut apart and separated. The white madar plant is found rarely so, it is considered as a rare plant. This is kept in the place of worship in the house in a red cloth.

There is never a shortage of money and food in the house where the Shvetark Ganapati's idol is worshiped on daily basis. There is always the habitation of Lakshmi Ji in that house where Shvetark Ganpati is worshiped. Shvetarak Ganapati's worship is considered to be great for attaining Happiness and Peace.

Wednesday, 13 May 2015

Avataars of Lord Shiva | भगवान शिव जी के अवतार

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ब्रम्हा विष्णु और महेश ये त्रिमूर्ति के स्वरूप् है । भगवान् शिव जी के दशावतार का वर्णन पुराणों में किया गया है । भगवान विष्णु की तरह ही भगवान् शिवजी के दस अवतार है लेकिन इन अवतारो के बारे में कोई जादा जनता नहीं है । आज मैं सभी साधको को भगवान् के इन्ही अवतारो के बारे में जानकारी देनेवाला हू । पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु के चौबीसा तो भगवान शिवजी के अठाइस अवतार है । लेकिन इनमे भी प्रमुख दस अवतारो की ही चर्चा होती है, इनहे रुद्रावतार भी कहा जाता है ।


भगवान शिवजी का पहला अवतार महाकाल के नाम से जाना जाता है ।  इनका यह अवतार बहुत ही कल्याणकारक है और अपने भक्तो की सर्व मनोकामना पूर्ण करता है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ती कराता है । देवी महाकाली इस अवतार की शक्तिदायिनी समझी जाती है ।

भगवान शिव का दूसरा अवतार का नाम तार है । यह अवतार भक्तो को भुक्ति मुक्ति प्रदान करता है । माँ तारादेवी इस अवतार की शक्ति है ।

भगवान शिवजी का तीसरा अवतार बालभुवनेश है । शिवजी का बालभुवनेश स्वरूप बड़ा ही मोहक है । यह अवतार भक्तो को सुख, समृद्धि और शांती प्रदान करता है । माँ बाला भुवनेशी इस अवतार की शक्ति ओरदायिनी है ।

भगवान शिवजी का चौथा अवतार षोडश श्रीविद्येश है । यह अवतार सुख, भोग और मोक्षदायी है । देवी षोडशी श्रीविद्या इस अवतार की शक्ति प्रदायिनी है ।

भगवान शिवजी का पाचवा अवतार भैरव है । यह अवतार अपने भक्तो की मनोकामना बहुत जल्द पूरी करता है । देवी भैरवी गिरिजा इस अवतार की शक्ति है ।

भगवान शिवजी का छठा अवतार है छिन्नमस्तक । यह अवतार भी अपने भक्तो की सर्व मनोकामना पूर्ण करता है । देवी सलचिन्नमस्ता इस अवतार की शक्ति है ।

भगवान शिवजी का सातवाँ अवतार धूमवान है । यह अवतार आपने भक्तो को भक्ति का सबसे उत्तम फल देता है । देवी धूमावती इस अवतार की प्रेरणा है ।

बगलामुख यह भगवान शिवजी का आठवा अवतार है । यह अवतार औने भक्तो को परमानन्द की प्राप्ति करता है । इस अवतार की प्रेरणा स्थान देवी बगलामुखी है ।

मातंग भगवान शिवजी का नौंवा अवतार है । यह अवतार अपने भक्तो की सभी इच्छाए, अकांशाए, अभिलाषाएँ पूर्ण करता है । देवी मातंगी इस अवतार की शक्ति है ।

कमल यह भगवान शिवजी का दसवा अवतार है । यह भक्तो को भुक्ति मुक्ति प्रदान करता है । देवी कमला इस अवतार की शक्ति है ।

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Saturday, 28 March 2015

Remove Problems with Sankatmochan Hanuman Ashtak | संकटमोचन हनुमान अष्टक के पाठ से समस्याओं से मुक्ति पाए

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भगवान महाबली हनुमान, भगवान शिव के ११ वे रूद्र अवतार है, वे पवनपुत्र है | वे भगवान राम के परम भक्त है, जिन्होंने सात समुंदर पार कर भगवान राम की मदत की थी सीता मैया को ढूंड ने में | महाबली का रूप अत्यंत ही निराला है और सबसे अद्भुत भी है | भुत, प्रेत, पिसाच सब भगवान हनुमान से डरते है, और जो हनुमान जी की पूजा करते है उनकी सदैव रक्षा होती है |

संकटमोचन हनुमानाष्टक एक अद्भुत मन्त्र है, यह भगवान हनुमान की महिमा में पाठ किया जाता है | भगवान हनुमान को स्वास्थ्य और समृद्धि का देवता माना जाता है | जो भी हनुमान अष्टक का पाठ करता है वो उन्हें प्रिय हो जाता है, सिर्फ पाठ करने वाले को ही नहीं बल्कि पुरे परिवार के लिए ये लाभप्रद सिद्ध होता है | हनुमान अष्टक के नित्य पाठ से परिवार में शांति बनी रहती है, और परिवार के लोगो का स्वस्थ सुधर जाता है |

जीवन में आने वाले विभिन्न समस्या अपने आप ही दूर हो जाते है और इन्सान को सुख शांति प्राप्त हो लगती है | दिनचर्या में आनेवाली बाधाए और विघ्न दूर होते है और शारीरिक पीडाए भी कम हो जाती है | भगवान हनुमान अपने भक्तो की सदैव रक्षा करते है, उन्हें हर संकट से दूर रखते है |

हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक, बजरंग बाण इत्यादि को अगर “सिद्ध हनुमत पूजन यन्त्र” के सामने धुप, दीप इत्यादि जलाकर जपा जाए तो प्रभाव बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली होता है, अतः आप स्वयं इसका नित्य पाठ करे और प्रभाव देख ले |

संकटमोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रबी भक्षी लिए तब
तीनहु लोक भयो अंधियारो |
ताहि सों त्रास भयो जग को
यह संकट काहु सों जात ना टारो ||
देवन आनि करी बिनती तब
छाडी दियो रबी कष्ट निवारो |
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||१||

बाली की त्रास कपीस बसै गिरी
जात महाप्रभु पंथ निहारो |
चौंकी महामुनि शाप दियो तब
चाहिए कौन बिचार बिचारो ||
कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु
सो तुम दास के सोक निवारो |
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||२||

अंगद के संग लेन गए सिय
खोज कपीस यह बैन उचारो |
जीवत ना बचीहौ हम सु जु
बिना सुधि लाए इहाँ पगु धारो ||
हेरी थके तट सिन्दू सबै तब लाय
सिया-सुधि प्राण उबारो |
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||३||

रावन त्रास दई सिय को सब
राक्षसी सों कहि सोक निवारो |
ताहि समय हनुमान महाप्रभु
जाय महा रजनीचर मारो ||
चाहत सिय असोक सों आगे सु
दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो |
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||४||

बाण लाग्यो उर लछिमन के तब
प्राण ताजे सूत रावण मारो |
लै गृह बैध सुषेन समेत
तबै गिरी द्रोण सु बीर उपारो ||
आनि सजीवन हाथ दई तब
लछिमन के तुम प्राण उबारो |
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||५||

रावन जुद्ध अजान कियो तब
नाग की फाँस सबै सिर डारो |
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल
मोह भयो यह संकट भारो |
आनि खगेस तबै हनुमान जु
बंधन काटी सुत्रास निवारो |
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||६||

बंधू समेत जबै अहिरावन
लै रघुनाथ पटल सिधारो |
देबिहिं पूजी भली बिधि सों बलि
देउ सबै मिली मन्त्र बिचारो ||
जाय सहाय भयो तब ही
अहिरावन सैन्य समेत सँहारो |
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||७||

काज किये बड देवन के तुम
बीर महाप्रभु देखि बिचारो |
कौन सो संकट मोर गरीब को
जो तुमसों नहीं जात है टारो ||
बेगी हरो हनुमान महाप्रभु
जो कछु संकट होय हमारो
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||८||

दोहा –
लाल देह लाली लसे, अरु धरी लाल लंगूर |
बज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सुर ||

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Get your Desires Fulfilled by this Simple Method | मनोकामना पूर्ति के लिए एक सरल साधना

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इन्सान का मन इच्छाओ का एक अंत ना होने वाला सागर है | इन्सान की एक इच्छा पूरी हो जाती है तब तक और एक इच्छा का निर्माण भी हो जाता है, उसकी खुशी इन्ही इच्छाओ पे निर्भर होती है | उसकी इच्छा पूरी हो जाती है तो ही वो खुश होता है अतः वो निराश हो जाता है |

आज मै आपके लिए एक अत्यंत सरल प्रयोग प्रस्तुत कर रहा हू, जो लोग बड़ी साधनाए करके अपनी इच्छाए पूरी नहीं कर पाते वो ये सरल प्रयोग करके अपने जीवन में समाधान पाकर अपना जीवन धान्य बना सकते है | इन्सान हर बार अपने जीवन में चमत्कार चाहता है, लेकिन यह हर बार संभव नहीं होता है | यह प्रयोग माँ दुर्गा से संबंधित है, यह एक चमत्कारी साधना है जिसे कर के आप अपने जीवन में बदलाव ला सकते है, यह साधना आपको पुरे भक्ति और विश्वास के साथ करनी होगी |
तिल के तेल में सिंदूर को मिला कर एक रंग तयार कर ले, फिर उस रंग से आपको एक जटा से युक्त नारियल को लेकर, उसे उस सिंदूर के रंग से पूरी तरह से रंग देना है | इसके बाद आपको माँ जगदम्बा से अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना करनी है और नारियल को एक जगह पर स्थापित कर देना है | इसके बाद आपको निचे दिए गए मन्त्र का जाप १५ मिनट तक करना है |

मन्त्रॐ ईम ह्रीं कं ह्रीं ईम ॐ
मन्त्र जाप आपको ७ दिन तक एक ही वक्त पर रोज करना है लेकिन याद रहे की नारियल को सिर्फ पहले दिन ही स्थापित करना है, आखरी दिन मन्त्र जाप पूरा होने के बाद, इस नारियल को आपको एक नदी में विसर्जित कर देना है | प्रयोग पूरा होते ही किसी छोटी कन्या हो जो घर से संबंधित ना हो उसको कुछ पैसे और थोडा धन दे देना है |

पूर्ण विश्वास के साथ यह सरल प्रयोग करे और अपनी मन की इच्छाओ की पूर्ति करे |
धन्यवाद |
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Human has endless desires and wishes to get fulfilled. When his one wish gets fulfilled other wish arises out of him. All his happiness depends on fulfillment of his wish.

Today I am going to provide a simple method to get your wishes fulfilled. Those people who are unable to perform Big Sadhnas can try this small but powerful sadhna and make their life comfortable. Human always wishes for some magic in his life but this is not always possible. This method is related with Goddess Jagdamba, this is a spiritually powerful sadhna through which you can change your life. To complete this sadhna one has to do this with intense concentration and full faith.
Create a Colour by mixing Vermillion in Sesame Oil. Now take a coconut containing coir and colour full coconut with it. Now Pray to Maa Jagdamba to get your wish fulfilled and place that coloured coconut in worship place. After that start chanting the below given mantra for 15 minutes. MantraOm Eem Hreem Kam Hreem Eem Om You have to pray and chant the above mantra for 7 days. Note that you have to place coconut once on the first day and rest days you have to only chant the mantra on same time daily for 15 minutes. On the last day after completion of mantra chanting you have to immerse the coconut in any river and then offer a small girl that is not related to your house some sweets and some money.

|| ॐ नमः शिवाय ||
|| जय माता दी ||


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Importance of Shell in Worship | पूजा में शंख का महत्त्व

प्राचीन काल में धार्मिक, अध्यात्मिक पूजा-पाठ में शंख की महत्वा रही है | अपने गुणों और प्रभावशीलता के कारण हिंदु पूजा पद्धति में शंख एक ...