Saturday, 28 March 2015

Remove Problems with Sankatmochan Hanuman Ashtak | संकटमोचन हनुमान अष्टक के पाठ से समस्याओं से मुक्ति पाए

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भगवान महाबली हनुमान, भगवान शिव के ११ वे रूद्र अवतार है, वे पवनपुत्र है | वे भगवान राम के परम भक्त है, जिन्होंने सात समुंदर पार कर भगवान राम की मदत की थी सीता मैया को ढूंड ने में | महाबली का रूप अत्यंत ही निराला है और सबसे अद्भुत भी है | भुत, प्रेत, पिसाच सब भगवान हनुमान से डरते है, और जो हनुमान जी की पूजा करते है उनकी सदैव रक्षा होती है |

संकटमोचन हनुमानाष्टक एक अद्भुत मन्त्र है, यह भगवान हनुमान की महिमा में पाठ किया जाता है | भगवान हनुमान को स्वास्थ्य और समृद्धि का देवता माना जाता है | जो भी हनुमान अष्टक का पाठ करता है वो उन्हें प्रिय हो जाता है, सिर्फ पाठ करने वाले को ही नहीं बल्कि पुरे परिवार के लिए ये लाभप्रद सिद्ध होता है | हनुमान अष्टक के नित्य पाठ से परिवार में शांति बनी रहती है, और परिवार के लोगो का स्वस्थ सुधर जाता है |

जीवन में आने वाले विभिन्न समस्या अपने आप ही दूर हो जाते है और इन्सान को सुख शांति प्राप्त हो लगती है | दिनचर्या में आनेवाली बाधाए और विघ्न दूर होते है और शारीरिक पीडाए भी कम हो जाती है | भगवान हनुमान अपने भक्तो की सदैव रक्षा करते है, उन्हें हर संकट से दूर रखते है |

हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक, बजरंग बाण इत्यादि को अगर “सिद्ध हनुमत पूजन यन्त्र” के सामने धुप, दीप इत्यादि जलाकर जपा जाए तो प्रभाव बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली होता है, अतः आप स्वयं इसका नित्य पाठ करे और प्रभाव देख ले |

संकटमोचन हनुमानाष्टक

बाल समय रबी भक्षी लिए तब
तीनहु लोक भयो अंधियारो |
ताहि सों त्रास भयो जग को
यह संकट काहु सों जात ना टारो ||
देवन आनि करी बिनती तब
छाडी दियो रबी कष्ट निवारो |
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||१||

बाली की त्रास कपीस बसै गिरी
जात महाप्रभु पंथ निहारो |
चौंकी महामुनि शाप दियो तब
चाहिए कौन बिचार बिचारो ||
कै द्विज रूप लिवाय महाप्रभु
सो तुम दास के सोक निवारो |
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||२||

अंगद के संग लेन गए सिय
खोज कपीस यह बैन उचारो |
जीवत ना बचीहौ हम सु जु
बिना सुधि लाए इहाँ पगु धारो ||
हेरी थके तट सिन्दू सबै तब लाय
सिया-सुधि प्राण उबारो |
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||३||

रावन त्रास दई सिय को सब
राक्षसी सों कहि सोक निवारो |
ताहि समय हनुमान महाप्रभु
जाय महा रजनीचर मारो ||
चाहत सिय असोक सों आगे सु
दै प्रभु मुद्रिका सोक निवारो |
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||४||

बाण लाग्यो उर लछिमन के तब
प्राण ताजे सूत रावण मारो |
लै गृह बैध सुषेन समेत
तबै गिरी द्रोण सु बीर उपारो ||
आनि सजीवन हाथ दई तब
लछिमन के तुम प्राण उबारो |
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||५||

रावन जुद्ध अजान कियो तब
नाग की फाँस सबै सिर डारो |
श्रीरघुनाथ समेत सबै दल
मोह भयो यह संकट भारो |
आनि खगेस तबै हनुमान जु
बंधन काटी सुत्रास निवारो |
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||६||

बंधू समेत जबै अहिरावन
लै रघुनाथ पटल सिधारो |
देबिहिं पूजी भली बिधि सों बलि
देउ सबै मिली मन्त्र बिचारो ||
जाय सहाय भयो तब ही
अहिरावन सैन्य समेत सँहारो |
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||७||

काज किये बड देवन के तुम
बीर महाप्रभु देखि बिचारो |
कौन सो संकट मोर गरीब को
जो तुमसों नहीं जात है टारो ||
बेगी हरो हनुमान महाप्रभु
जो कछु संकट होय हमारो
को नहीं जानत है जग में
कपी संकटमोचन नाम तिहारो ||८||

दोहा –
लाल देह लाली लसे, अरु धरी लाल लंगूर |
बज्र देह दानव दलन, जय जय जय कपि सुर ||

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Get your Desires Fulfilled by this Simple Method | मनोकामना पूर्ति के लिए एक सरल साधना

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इन्सान का मन इच्छाओ का एक अंत ना होने वाला सागर है | इन्सान की एक इच्छा पूरी हो जाती है तब तक और एक इच्छा का निर्माण भी हो जाता है, उसकी खुशी इन्ही इच्छाओ पे निर्भर होती है | उसकी इच्छा पूरी हो जाती है तो ही वो खुश होता है अतः वो निराश हो जाता है |

आज मै आपके लिए एक अत्यंत सरल प्रयोग प्रस्तुत कर रहा हू, जो लोग बड़ी साधनाए करके अपनी इच्छाए पूरी नहीं कर पाते वो ये सरल प्रयोग करके अपने जीवन में समाधान पाकर अपना जीवन धान्य बना सकते है | इन्सान हर बार अपने जीवन में चमत्कार चाहता है, लेकिन यह हर बार संभव नहीं होता है | यह प्रयोग माँ दुर्गा से संबंधित है, यह एक चमत्कारी साधना है जिसे कर के आप अपने जीवन में बदलाव ला सकते है, यह साधना आपको पुरे भक्ति और विश्वास के साथ करनी होगी |
तिल के तेल में सिंदूर को मिला कर एक रंग तयार कर ले, फिर उस रंग से आपको एक जटा से युक्त नारियल को लेकर, उसे उस सिंदूर के रंग से पूरी तरह से रंग देना है | इसके बाद आपको माँ जगदम्बा से अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए प्रार्थना करनी है और नारियल को एक जगह पर स्थापित कर देना है | इसके बाद आपको निचे दिए गए मन्त्र का जाप १५ मिनट तक करना है |

मन्त्रॐ ईम ह्रीं कं ह्रीं ईम ॐ
मन्त्र जाप आपको ७ दिन तक एक ही वक्त पर रोज करना है लेकिन याद रहे की नारियल को सिर्फ पहले दिन ही स्थापित करना है, आखरी दिन मन्त्र जाप पूरा होने के बाद, इस नारियल को आपको एक नदी में विसर्जित कर देना है | प्रयोग पूरा होते ही किसी छोटी कन्या हो जो घर से संबंधित ना हो उसको कुछ पैसे और थोडा धन दे देना है |

पूर्ण विश्वास के साथ यह सरल प्रयोग करे और अपनी मन की इच्छाओ की पूर्ति करे |
धन्यवाद |
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Human has endless desires and wishes to get fulfilled. When his one wish gets fulfilled other wish arises out of him. All his happiness depends on fulfillment of his wish.

Today I am going to provide a simple method to get your wishes fulfilled. Those people who are unable to perform Big Sadhnas can try this small but powerful sadhna and make their life comfortable. Human always wishes for some magic in his life but this is not always possible. This method is related with Goddess Jagdamba, this is a spiritually powerful sadhna through which you can change your life. To complete this sadhna one has to do this with intense concentration and full faith.
Create a Colour by mixing Vermillion in Sesame Oil. Now take a coconut containing coir and colour full coconut with it. Now Pray to Maa Jagdamba to get your wish fulfilled and place that coloured coconut in worship place. After that start chanting the below given mantra for 15 minutes. MantraOm Eem Hreem Kam Hreem Eem Om You have to pray and chant the above mantra for 7 days. Note that you have to place coconut once on the first day and rest days you have to only chant the mantra on same time daily for 15 minutes. On the last day after completion of mantra chanting you have to immerse the coconut in any river and then offer a small girl that is not related to your house some sweets and some money.

|| ॐ नमः शिवाय ||
|| जय माता दी ||


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Friday, 27 March 2015

Remove Difficulties and Obstacles through Siddhivinayak Ganapati Mantra | सिद्धिविनायक गणपती मन्त्र से विघ्न और बाधाए दूर करे

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गणेश जी को विघ्न हरता कहा जाता है | उनका ऐसा ही एक रूप है, जिसे सिद्धिविनायक कहा जाता है, सिद्धिविनायक का अर्थ है हर काम में सिद्धि देने वाले, हर मनोकमनाओ को पूर्ण करने वाले और हर विघ्न को दूर रखने वाले | सिद्धिविनायक गणपती की सूंड दाई तरफ होती है, और उनकी साधना करना बहुत ही प्रभावशाली माना जाता है | ये कार्य सिद्धि के लिए पूजे जाते है, इनकी नित्य पूजा करने वाले इन्सान के काम, चाहे कुछ भी हो पूरा होता ही है |

आज मै आपको सिद्धिविनायक मन्त्र दे रहा हू, इस मन्त्र के नित्य ५ माला जाप से आपकी सर्व मनोकामनाएँ पूर्ण होंगी और आपके जीवन में आने वाली सर्व विघ्न बाधाए दूर निश्चित ही होंगी | हर काम में आपको सफलता मिलेगी, आत्म शक्ति तीव्र होकर आपका ध्यान बढ़ेगा | जिनकी शादी जल्दी नहीं हो पा रही उनके लिए ये एक अति उपयुक्त मन्त्र है | आपके शत्रु आपसे दूर हो जायेंगे और आपकी उनसे रक्षा होगी | आपका भाग्योदय होगा और पैसे की तंगी कभी नहीं रहेगी |

पूर्व दिशा की ओर मुख करके आपको ये मन्त्र नित्य ५ माला जाप “सिद्धिविनायक या गणेश यन्त्र” के सामने जपना अति प्रभावशाली रहेगा | हमेशा याद रखिये के सिद्ध यन्त्र आपके मन्त्र जाप को जल्दी सिद्धि प्रदान करते है |

मन्त्र – ॐ नमो सिद्धिविनाय-काय सर्व कार्य कर्त्रे सर्व विघ्न प्रशमनाय सर्व राज्य वश्यकरनाय सर्वजन सर्व स्त्री-पुरुष आकर्शनाय श्रीं ॐ स्वाहा

धन्यवाद |

|| ॐ नमः शिवाय ||
|| जय माता दी ||

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Lord Ganesha is known as remover of obstacles. One of his avatar that is known and prayed for removing of obtacles is siddhivinayak. Siddhivinayak means the one who provides accomplishment of any work, removes obstacles and fulfills the wishes. The trunk of Lord Siddhivinayak Ganesha is on Left Side whereas all Ganesh Idols available have their trunk on Right side. He is prayed for accomplishment of work without any obstacles. The one who prays lord siddhivinayak regularly he gets his work done.

Today I am going to provide you Siddhivinayak Mantra, by chanting 5 rosaries of this Mantra you can fulfuill your wishes and remove any obstacles in your life, do it and you will see the effect yourself. You will get success in any work you do, It will increase your concentration. It helps in early marriage, It will protect you from your enemies. Your fortune will improve and you will never face financial problems.

Face East and sitting before “Siddhivinayak or Ganesh Yantra” chant 5 rosaries daily in Bramhamahurta. Note that an energised yantra increases the frequecy of chanting mantra and gets you connected to God very early.

Mantra – Om Namo Siddhivinaya-kaaya Sarv Karya Kar-tre Sarv Vighna Prash-ma-naaya Sarv Rajya Vashya-kar-naaya Sarvjan Sarv Stri-Purush Aakarsha-naay Shreem Om Swahaa

Thank You

|| OM NAMAH SHIVAAY ||
|| JAY MAATA DI ||


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Friday, 20 March 2015

Increase Your Fortune | भाग्यवर्धक साधना

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हर इन्सान अपने जीवन में तरक्की करना चाहता है, लेकिन बहुत मेहनत करने क बावजूद भी कर नहीं पाता | उसके रस्ते में कई रुकवाते और मुश्किलें आती है जिस वजह से उसकी तरक्की नहीं हो पाती | इन रूकावटो का कारण उसका बुरा वक्त होता है जिसे वो खराब किस्मत या दुर्भाग्य कहता है | दुर्भाग्य के कारण इन्सान को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है | पैसो की तंगी होती है, गरीबी से त्रस्त हो जाता है इन्सान, ना चाहते हुए भी झगडे होना, गृह कलेश, ग्रहों का दुष्प्रभाव और बहुत सारी समस्याएं है जो दुर्भाग्य के कारण होती है |

इनसे बचने के लिए अत्यंत सरल उपाय है, यह उपाय करने से इन्सान का दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल जायेगा और उसे चारो दिशाओं  से खुश खबरी ही प्राप्त होगी और सारी समस्याएं अपने आप ही मिट जाएँगी | 

यह एक सिद्ध प्रयोग है, इस प्रयोग से आपकी तरक्की निश्चित है, आप कोई भी व्यापार करे, या कोई भी काम, वो बिना रुकवाटो के पूरा होगा ही | आपकी शादी शुदा जिंदगी सुखमय होगी, आप किसी से प्यार करते है तो वो आपको मिलेगा ही | 

यह माँ दुर्गा का मन्त्र है | यह प्रयोग आप किसी भी दिन कर सकते है, लेकिन नवरात्री के दिनों में इसका असर दुगना हो जाता है | इस प्रयोग के लिए आसान और वस्त्र पीले या फिर लाल रहेंगे | माँ दुर्गा की पूजा तिल के तेल का दिया जलाकर और फूल, फल आदि समर्पित कर के करे, धुप, अगरबत्ती जलाये | आप शुद्ध देसी घी या और कोई भी तेल का दिया जला सकते है, लेकिन सरसों के तेल का उपयोग ना करे

मन्त्र - ओम ह्रीं भाग्योदयम ह्रीं नमः

इस मन्त्र की ५ मालाये जाप करे उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुह करके, मन्त्र जाप आपको ११ दिन लगातार करना है, और ११ दिनों के बाद आपको १ माला रोज जाप करते रहना है |

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Tuesday, 17 March 2015

Chaitra Navratri Me Maa Durga Ki Sadhna Kare | चैत्र नवरात्री में माँ दुर्गा की साधना करे

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|| जय माता दी ||
|| ओम नमः शिवाय ||


चैत्र नवरात्री  में साधना करने से फल अत्यंत लाभदायक और तीव्र गती से प्राप्त होता है | इस बार की चैत्र नवरात्री २१ मार्च २०१५ हिंदू नव वर्ष और गुडी पड़वा के दिन शुरू होगी और २९ मार्च २०१५ को खत्म होगी  तो सभी साधक इस पर्व का लाभ उठाये | नवरात्री से एक दिन पहले अमावस्या का आगमन होगा जिससे इन ९ रात्रो की शक्ति और भी बढ़ जायेगी | नवरात्री में साधना करे लेकिन आच्छे कामो के लिए जिससे खुद का और दूसरों का भी भला हो, दूसरों का बुरा करने से खुद का भी बुरा होगा ये कभी ना भूलना | नवरात्री का मतलब है ९ रात्र, इन ९ रात्र और १० दिनों में माँ दुर्गा के ९ शक्ति रूपों की पूजा की जाती है | इन ९ रात्रि में अनेक तांत्रिक माँ दुर्गा और अन्य देवतओं की पूजा में लिन रहते है | इन ९ दिनों में साधना करना अतिशक्तिशाली मन जाता है क्यों की माँ दुर्गा को शक्ति का रूप माना जाता है |

नवरात्री के कुछ अत्यंत सरल नियम है, जिनका अगर पालन करके साधना की जाये तो निश्चित मनोवांछित फल मिलता ही है | मै आज आपके लिए नवरात्री के नियम, कुछ साधनाए और कुछ माँ दुर्गा सप्तशती के कुछ मन्त्र प्रस्तुत कर रहा हू तो आप आपके सुविधा और आपके जीवन में आने वाली परेशानियों के अनुसार कोई भी साधना चुन कर मन्त्र जाप आरंभ कर दे |

नवरात्री के नियम - चैत्र नवरात्री (२१ मार्च २०१५ से २९ मार्च २०१५ तक)

१. नवरात्री से एक दिन पहले से और ९ रात्रि के एक दिन बाद तक ब्रम्हचर्य का कड़क पालन करे, जिसका मतलब है आपको कुल मिलके ११ दिन ब्रम्हचर्य का पालन करना है |

२. जमीन पर ही सोना है | आप चद्दर बिचा कर उसपर सो सकते है |

३. दिन में सिर्फ १ या २ बार सिर्फ दूध और फलाहार करे | रात्रि में सिर्फ एक ही बार भोजन करे और भोजन में नमक और शक्कर का इस्तेमाल ना करे, मतलब आपको बेस्वाद खाना ही खाना है | ज्यादा तीखा खाना ना खाए | आप मांसाहारी भोजन नहीं कर सकते, पूर्णत शाकाहारी खाना खाए |

४. खुद का काम आपको खुद ही करना है चाहे वो कितना बड़ा या फिर कितना छोटा ही क्यों ना हो | दूसरों पर अपना काम ना थोपे |

५. झूट ना बोले, किसी भी प्रकार का या किसी से भी | ज्यादा ना बोले, जितना हो सके उतना मौन रहे और सारी शक्ति का साधना में उपयोग करे |

५. आचरण शुद्ध रखे | महिलाओ और बालिकाओ का आदर सन्मान करे |

६. स्त्री हो या पुरुष किसी का अपमान ना करे | गुस्सा ना करे और चिल्लाये नहीं | किसीके बारे में बुरा ना बोले अपनी जुबान साफ़ रखे |

७. माता पिता का आदर सन्मान करे, उन्हें उल्टा जवाब ना दे |


८. साधना (मन्त्र जाप) को शांत वातावरण में करे तो अत्यधिक प्रभावशाली होगा |

९. हो सके तो रोज मन्त्र जप के आखिर में हवन करे, अगर संभव ना हो तो आखरी दिन में जरुर हवन अनुष्ठान करे |

१०. कोई गलत काम ना करे, किसी गलत संगत में ना रहे, अपने आप को किसीसे ज्यादा स्पर्श ना करवाए और खुद भी ना करे इससे शक्ति बनी रहती है | जितना हो सके उतना बाहरी दुनिया को त्याग दे |

११. साधना करते समय बालक भाव से साधना करे, इसका मतलब यह है की माँ दुर्गा को अपनी माँ मान कर और अपने आप को उनका बेटा/बेटी मान कर साधना करे | अपने आप को माँ के चरणों में समर्पित कर दे और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए माँ से प्रार्थना करते रहे |

१२. जितना हो सके उतना लाल रंग का इस्तेमाल साधना में करे | प्रयोग अनुसार वस्त्र और आसान का रंग बदल सकते है |

१३. "ओम ऐं ह्रीं क्लीम चामुण्डाये विच्चे" का जितना हो सके उतना जप अवश्य करे, हो सके तो सुबह और रात को सोने से पहले १-१ माला जरुर जप ले |

१४. पाठ पूरा होने पर माँ चामुंडा के मन्त्र और निचे दिए गए कोई भी प्रयोग के मन्त्र की ११-११, २१-२१ या ५१-५१ बार हवन, आम की लकड़ी को जला कर, घी और हवन सामग्री का इस्तेमाल कर जरुर दे | अगर संभव हो तो काले तिल राल गुग्गल आदि का भी हवन में इस्तेमाल करे |

नवरात्री में साधना करने के लिए अत्यधिक शुभ काल -

वैसे तो नवरात्री मे साधक अपनी सुविधा अनुसार कभी भी साधना कर सकता है लेकिन निचे दिए गए समय में करे तो साधना तीव्र गती से पूर्ण होती है और जल्दी फल की प्राप्ति होती है |

१. ब्रम्ह महूर्त में - सुबह ४ बजे से ६ बजे तक
२. रात्रि १० बजे, ११ बजे या रात्रि १२ बजे के बाद

कुछ प्रयोग और साधनाए

हर इंसान को अलग अलग परेशानियों का सामना करना पड़ता है, किसी को प्यार नहीं मिलता तो किसी के पास पैसो की हमेशा तंगी बनी रहती है, किसी इंसान की अभिलाषा या इच्छा पूरी नहीं होती, इन सब कारणों के लिए ही मै आज कुछ अलग अलग प्रयोग प्रस्तुत कर रहा हू । साधक अपने इच्छा अनुसार प्रयोग चुन कर वो कर सकता है | साधक एक से अधिक प्रयोग भी कर सकता है | शक्ति साधनाओ का इस नवरात्री के पर्व में अत्यधिक महत्व पूर्ण स्थान होता है तो माँ की साधना करना अधिक लाभप्रद होगा, देवी शक्ति इस पर्व में चैतन्य होने के कारन साधना में सफलता मिलती ही है, इसमें कोई दो राय नहीं है |

१. धन प्राप्ति के लिए माँ भुवनेश्वरी साधना प्रयोग -
 

मन्त्र - "श्रीं ह्रीं श्रीं"

प्रयोग रात्रि में १० बजे के बाद कभी भी आरम्भ कर सकते है | दिशा उतर या पूर्व रहेगी | वस्त्र और आसान सफ़ेद रंग के हो | ऊपर दिए गए मन्त्र की ५१ मालाओ का जप स्फटिक माला से करना है | अपने सामने माँ भुवनेश्वरी का चित्र स्थापित कर दे और उनका पूजन कर के मन्त्र जाप आरंभ कर दे | मन्त्र जप खतम होने पर हो सके तो १०१ बार शुद्ध घी से हवन करे |

यह प्रयोग १ ही दिन का है लेकिन अगर आप चाहे तो पुरे ९ दिन कर सकते है, अगर आप ९ दिन तक कर ले तो आपको सभी दिशाओ से शुभ सन्देश जल्द ही प्राप्त होते है | साधना पूरी होते ही आपको धन प्राप्ति के नए मार्ग मिलने लगेंगे और आपके ऊपर माँ की कृपा दृष्टी बनी रहेगी |

२. माँ चंडिका बाधा निवारक साधना -

मन्त्र - "ओम चंडिके फू"


प्रयोग ३ रात्रि का है | प्रयोग रात्रि १२ बजे के बाद से कभी भी शुरू कर सकते है | दिशा दक्षिण रहे | आसान और वस्त्र लाल रंग के इस्तेमाल करे | माँ चंडिका की तस्वीर अपने सामने स्थापित कर उनका कुंकुम से पूजन करे और सरसों के तेल का दिया जलाये | माला काली हकिक की इस्तेमाल करे और ऊपर दिए हुए मन्त्र का ३१ माला जाप करे | जप खत्म होने पर १०१ बार सरसों के तेल से हवन करे |

इस प्रयोग से घर में किसी भी प्रकार की बाधाए हो तो उनका नाश हो जाता है और विजय की प्राप्ति होती है |

३. माँ दुर्गा सिद्ध बधामुक्ति धन-पुत्रादि प्राप्ति मन्त्र प्रयोग - 

मन्त्र - सर्व-बाधा-विनिर्मुक्तो धन-धान्य-सुतान्वितः | मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशयः ||

इस मन्त्र का जप रोज १ माला करे | साधक चाहे तो मन्त्र जाप बढ़ा सकता है | आसान और वस्त्र लाल हो, माला स्फटिक की या रुद्राक्ष की हो | समय रात्रि १० बजे के बाद या सुबह ४ बजे क रहे | इस प्रयोग से मनुष्य के सारे बाधाओ का नाश होता है और धन और पुत्र की प्राप्ति होती है | 


४. माँ दुर्गा सर्वकल्याणकारी मन्त्र प्रयोग -

मन्त्र - सर्व-मंगल-मांगल्ये शिवे सर्वार्थ-साधिके | शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते ||

यह माँ दुर्गा का सर्व कल्याण करी और सिद्ध मन्त्र है और उनको अति प्रिय है | कोई भी शुभ काम करने से पूर्व इस मन्त्र का जप किया जाता है | इस मन्त्र का जप रोज १ या १ से आधिक माला करे | आसान, वस्त्र लाल रहे, जाप स्फटिक या रुद्राक्ष से करे | समय रात्रि १० बजे के बाद या सुबह ४ बजे क रहे |

५. दारिद्य-दुखः विनाश मन्त्र प्रयोग -

मन्त्र - दुर्गे स्मृता हरसी भितिम-शेष-जनतोह: स्वस्थै: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि | दारिद्र्य-दुःख-भय-हारिणी का त्वदन्या सर्वोपकार-करनाय सदा-द्रचित्ता ||

यथासंभव मन्त्र जाप करे, १ से अधिक करे तो अत्यधिक प्रभावशाली रहेगा, माला कोई भी इस्तेमाल करे तो चलेगा | आसान और वस्त्र लाल ही रहे | रात्रि १० और ब्रम्ह-महुर्त में सुबह ४ बजे जाप अत्यधिक लाभप्रद सिद्ध होगा |

६. तंत्रोक्त चामुंडा नवार्ण वशीकरण प्रयोग

मन्त्र - वष्ट ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे, वष्ट "अमुक" मे वश्यं कुरु कुरु स्वाहा

वशीकरण का नाम सुनते ही लोग इसे खराब नजर से देखते है अतः इन लोगो को लगता है की वशीकरण है अर्थ है काला जादू | वशीकरण का अर्थ है किसी के अपने अनुकूल बनाना उनका मन फेरना और उन्हें अपने प्रति प्यार का भाव जगाना | लेकिन कई लोग इस विद्या का गलत उपयोग करते है जिसके कारन वशीकरण कर्म का नाम खराब हो गया है |


हर इंसान किसी ना किसी से प्यार करता ही है, हर इंसान को किसी ना किसीसे इज्जत की आशा होती है, संघटन में काम करने वाले कर्मचारियों को अपने सह कर्मचारियों से मदत और इज्जत की आशा होती है इन सभी कारणों के लिए और आपसी प्रेम सम्बन्ध बढ़ाने के लिए इस नवार्ण मन्त्र का प्रयोग आपके लिए लाभ प्रद होगा |

यह मन्त्र माँ चामुंडा का स्वयंसिद्ध तंत्रोक्त मन्त्र  है, इसका गलत उपयोग कदा भी ना करे अतः यह आपको हानी पंहुचा सकता है |

मन्त्र जप से पहले स्नान कर ले शुद्ध हो जाये और लाल वस्त्र पहन ले फिर अपने घर में किसी शांत स्थान पर लाल आसान बिछा कर बैठ जाये | सर्व प्रथम गणेश पूजन और १ या अधिक माला मन्त्र जाप करे (ओम गं गणपतये नमः) और गुरु पूजन और १ या अधिक माला मन्त्र जाप करे अगर गुरु ना बनाया हो तो आप भगवान शिव को गुरु मान कर उनका पूजन करे और मन्त्र जप करे (ओम नमः शिवाय) और गणेश जी और अपने गुरु से साधना में सफलता हेतु आशीर्वाद ले | इसके बाद माँ दुर्गा का चित्र और माँ दुर्गा का सिद्ध यन्त्र अपने सामने स्थापित कर दे और उनका पंचोपचार पूजन करे माँ को कुंकुम लगाये, सरसों के तेल का दिया जलाये, अगरबत्ती या धुप जलाये तथ पश्च्यात जिसको वश में करना है उसका कोई चित्र अपने सामने रख दे, अगर चित्र ना हो तो उस व्यक्ति का मन ही मन ध्यान करते रहे और मन्त्र जपे | पूर्ण श्रद्धा भाव से एक ही बैठक में ऊपर दिए मन्त्र की २१ मालाये जाप करे | "अमुक" की जगह उस व्यक्ति का नाम ले जिसको आप वश में करना चाहते हो | मन्त्र जाप के समय अपने आसान से उठे नहीं और सिर्फ उसका ही ध्यान करे जिसको आप वश में करना चाहते है | मन्त्र जप पूरा होने पर माँ के चरणों में मन्त्र जाप समर्पित कर दे और उनसे साधना में सफलता की प्रार्थना करे |

इस प्रयोग के शुरुवात और आखिर में अगर आप माँ दुर्गा के सिद्ध कुञ्जिका स्तोत्र का सम्पुट लगाये तो ये अत्यधिक प्रभावशाली हो जाता है, इसके लिए आप गणेश और गुरु पूजन के बाद एक बार और अंत में जप पूरा होने के बाद कुञ्जिका स्तोत्र का पाठ करना ना भूले |

७. सिद्ध कुञ्जिका स्तोत्र प्रयोग -

सुबह में ९ बार और रात्रि में ९ बार सिद्ध कुञ्जिका स्तोत्र  का पाठ करने से इंसान की हर अभिलाषा हर इच्छा निश्चित ही पूरी होती है |

स्नानादि कर पवित्र हो जाये फिर गणेश और गुरु पूजन कर ले | उसके बाद माँ चामुंडा (माँ दुर्गा) का पूजन कर ले फिर माँ के चित्र और यन्त्र के सामने "ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" की १ माला जाप कर ले उसके पश्च्यात माँ दुर्गा के सिद्ध कुञ्जिका स्तोत्र का ९ बार पाठ करे |

ऊपर दिए गए किसी भी प्रयोग को करने से पहले सारे नियमों का पालन करे | स्नान करके ही प्रयोग को बैठे, जितना हो सके उतना लाल रंग का इस्तेमाल करे | हर प्रयोग के पहले और पूरा होने के बाद सिद्ध कुञ्जिका स्तोत्र का सम्पुट लगाना ना भूले इससे आपका प्रयोग और शक्तिशाली बन जाता है | माँ को भोग अवश्य लगाये | प्रयोग के आखिर में नियम १४ के अनुसार हवन जरुर करे |

धन्यवाद

|| जय माता दी ||
|| ओम नमः शिवाय ||
 

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Sunday, 15 March 2015

Shiv Panchakshari Stotram | शिव पंचाक्षरी स्तोत्रं

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शिव पंचाक्षरी स्तोत्र  भगवान शिव को अर्पण किया गया है | भगवान शिव देवो के देव कहलाते है  इसलिए उन्हें महादेव  कहा जाता है | वे भोलेनाथ  के नाम से भी प्रसिद्ध है क्यूकी वो बहुत शांतचित् स्वाभाव के है |

शिवजी का मन्त्र पंचाक्षरी मन्त्र  के नाम से प्रसिद्ध है जो “ॐ नमः शिवाय” है | ये मन्त्र पंचाक्षरी इसलिए कहा जाता है क्यूकी ये ५ शब्दों से बना हुआ है जो शि वा है | पंचाक्षरी स्तोत्र को अगर रोजाना पढ़ा जाए तो यह अत्यधिक प्रभावशाली बन जाता है और साधक को परेशानियों से मुक्ति दिला कर जिंदगी आसान बना देता है |

भगवान शिव त्रिदेव  जो ब्रम्हा विष्णु महेश है उनमे से सबसे महत्वपूर्ण और श्रेष्ठ माने जाते है, यह स्तोत्र और पंचाक्षरी मन्त्र भगवान शिव को बहुत जल्दी प्रसन्न कर देता है | इस स्तोत्र की शक्ति अत्यधिक बढ़ जाती है अगर इसे विधि पूर्वक "शिव यन्त्र" या “महामृत्युंजय यन्त्र” के सामने जपा जाए और इसके साथ ही पंचाक्षरी मन्त्र “ॐ नमः शिवाय” की जपी जाये |


शिव पंचाक्षरी स्तोत्र

नागेन्द्र-हाराय त्रिलोचनाय
भस्मांग-रागाय महेश्वराय |
नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय
तस्मै “न” काराय नमः शिवाय ||१||

मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय
नन्दी-श्वर प्रमथ-नाथ महेश्वराय |
मंदार मुख्य बहु-पुष्प सु-पूजिताय
तस्मै “म” काराय नमः शिवाय ||२||

शिवाय-गौरी वद-नाब्ज बृंद
सूर्याय दक्षा-ध्वर नाश-काय |
श्री नील-कंठाय वृषभ-ध्वजाय
तस्मै “शि” काराय नमः शिवाय ||३||

वशिष्ठ कुम्भो-भ्द्व गौतमार्य
मुनींद्र देवा-र्चित शेखराय |
चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय
तस्मै “व” काराय नमः शिवाय ||४||

यज्ञ स्वरूपाय जटा-धराय
पिनक हस्ताय सना-तनाय |
दिव्याय देवाय दिगंबराय
तस्मै “य” काराय नमः शिवाय ||५||
 

पंचाक्षर-मिदं पुण्यम यः
पठे-च्छिव सन्नी-धौ |
शिव-लोक-मवा-प्रोंती
शिवेन सह मोदते ||


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Shiv Panchakshar Stotram is dedicated to Lord Shiva, The God of All God, in hindi Devo ke Dev Mahadev. Lord Shiva is also known as Bholenath and has a very pleasing personality.

The Panchakshar Mantra "OM NAMAH SHIVAAY" is made from "Na Ma Shi Vaa Ya" five letter that pleases Lord Shiva very easily and Panchakshar Stotra is an extension to this stotram. Shiv Panchakshar Stotram if Chanted on Daily Basis will give very powerful results and make life easier and reduce stress.

This Stotram is in praise to Lord Shiva who is superior in Trinity of Lord Bramha, Lord Vishnu, Lord Mahesha. Power of this Stotram is increased when "Lord Shiva Yantra" or "Mahamrityunjay Yantra" is placed while reciting and also a mala of "OM NAMAH SHIVAAY" is chanted along with it.


SHIV PANCHAKSHAR STOTRAM

Nagendra-Haaraya Trilocha-Naaya
Bhasmang-Raagaya Maheshwaaraya |
Nityaay Shuddhaaya Digambaraaya
Tasmay "Na" Kaaraya Namah Shivaay ||1||
 

Mandakini Salil Chandan Charchitaaya
Nandishwar Pramath-Naath Maheshwaaraya |
Mandar Mukhya Bahu-Pushpa Su-Pujitaaya
Tasmay "Ma" Kaaraya Namah Shivaay ||2||

Shivaay-Gauri Vad-Nabj Brund
Suryaay Daksha-Dhwar Naash-Kaay |
Shri Neel-Kanthaay Vrushabh-Dhwajaay
Tasmay "Shi" Kaaraya Namah Shivaay ||3||

Vashisht Kumbhobh-Dhwa Gautamarya
Munindra Devarchit Shekharaay |
Chandrark Vaishwaanar Lochanaay
Tasmay "Va" Kaaraya Namah Shivaay ||4||

Yadnya Swarupaay Jataa-Dharaay
Pinak Hastaay Sana-Tanaay |
Divyaay Devaay Digambaraay
Tasmay "Ya" Kaaraya Namah Shivaay ||5||

Panchakshar Midam Punyam Yah
Pathe-Chhiv Sanni-dhou |
Shiv-Lok-Mava-Pronti
Shiven Sah Modate ||

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Thursday, 12 March 2015

Dhan Prapti Ka Saral Upaay | धन प्राप्ति का सरल उपाय

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आजकल के जीवन की सबसे बड़ी समस्या है धन। हर इंसान धन प्राप्ती के लीए उत्सुक रहता है लेकीन लाख कोशीशो के बाद भी वो धन अर्जीत नहीं कर पाता। कभी कभी धन तो मीलता है लेकीन जादा देर ठहरता नहीं। ऐसे ही धन संबंधित कई और करणो के लीये मै आपके सामने एक सरल उपाय पेश कर रहा हूं। इस उपाय में कोई भी खर्चा नहीं आता।

करना आपको बस ये है की आपको शनिवार के दिन पीपल के पेड से एक पत्ता तोड़ लाना है, गिरा हुआ पत्ता मत उठाना सीधे पीपल के पेड से ही तोड़ लेना | वो पत्ता आप घर ले आना और उसे गंगाजल से अच्छी तरह धो लेना है फिर उसे एक प्लेट में रख कर वो प्लेट आपको अपने पसंदीदा या आपके इष्ट देवता जिसको आप बहुत मानते है उनके सामने रख देना | इसके बाद आपको २१ या १०८ (१ माला) बार गायत्री मंत्र का जाप करना है |


गायत्री मंत्र - ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।

मंत्र जाप के बाद वो पत्ता आप आपने लोकर या आप जहा पर पैसे रखते है ऐसी जगह पर रख देना है | यह पत्ता आपको पुरे एक शनिवार तक वही रख देना है, फिर उसके बाद अगले शनिवार को आपको वो पत्ता ले जाकर उसी पीपल के पेड के निचे रख देना है | उसके बाद उसी पेड का एक नया पत्ता तोड़ लेना है और उस पत्ते पर ऊपर दी गयी क्रिया दोहरा कर उसे अपने लोकर में रख देना है | आपको ये प्रयोग हर शनिवार करना है आपको जल्द ही धन में वृद्धि होते हुए नजर आयेगी |

गायत्री मंत्र के बारे में छोटी सी जानकारी - वेदों में गायत्री मंत्र को सर्वश्रेष्ठ मन गया है | गायत्री मंत्र का ब्रम्हमहूर्त में जप अत्यधिक प्रभावशाली होता है | इसका रोजाना जप करना आपके लिए बहुत ही लाभदायक रहेगा | गायत्री मंत्र के रोज १०८ या इससे अधिक जप से आपके ऊपर आने वाले विघ्न, बाधाओ, काला जादू, झाड फुक इत्यादि का नाश होता है और आपको थोड़े दिनों में इसके सिद्धि भी प्राप्त होती है |

धन्यवाद |

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The biggest problem today in every persons life is Lack of Wealth in life. Each Person wants to earn more and more wealth but even after much hard work he is unable to do so, Sometimes he earns money but it becomes impossible for him to save that money upto end of the month. There are even many more reasons due to which financial problems arises. For this problems today I am presenting you a very simple and effective method that will improve your financial status. This prayog can be done by any person and this does not need long sadhana process or mantra chanting and even there is no need to spend money to do this.

All you have to do is, on Saturday you have to take a leaf from the Peepal Tree, break that leaf from tree, do not take leaf which has been already sheded by the tree. Now bring that leaf to your home and wash that leaf with Gangaajal and then you have to put it in a plate in front of your favorite deity or the deity which you pray regularly. After that you have to chant Gayatri Mantra 21 or 108 (1 Rosary) times.


GAYATRI MANTRA - AUM BHOOR-BHUVAH SVAH TAT-SAVI-TUR VARENYAM BHARGO DEVASYA DHEE-MAHI DHIYO YO NAH PRACHO-DA-YAAT

After chanting Gayatri Mantra you have to keep that leaf in your Locker or where ever you keep money. You have to keep that leaf as it is till next Saturday. When next Saturday arises you have to take that leaf and keep it near that peepal tree and bring a new leaf home and repeat the process given above. You have to do this every Saturday. You will see an increase in your financial status.

Small note on Gayatri Mantra - According to Vedas Gayatri Mantras is very effective mantra. Chanting Gayatri Mantra during Bramhamahurta makes it even more powerful and highly effective. The daily chanting of this mantra will be very beneficial. Chanting it 108 or more times removes malefic effects, problems, obstacles, black magic, etc. and you will get this mantra energized for yourself in few days.Thanks.


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Wednesday, 11 March 2015

Siddha Kunjika Stotram | सिद्ध कुञ्जिका स्तोत्रं

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कुंजिका स्तोत्र  एक अत्यधिक प्रभावशाली स्तोत्र है जो माँ दुर्गा का है| माँ दुर्गा को जगद माता का दर्जा दिया गया है | माँ दुर्गा को आदिशक्ति भी कहा जाता है | इस स्तोत्र को सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कहा गया है जिसमे बहुत ही प्रभावशाली शब्द है जो इंसान की हर एक परेशानी दूर करने में शकक्षं है, आपके जीवन में आनेवाली बाधाए और विघ्नों को नाश करके आपके जीवन को सुखमय बना सकता है ये स्तोत्र | इस स्तोत्र का नित्य जप बहुत ही फलदायी है यह आपको जीवन में प्रगती करने में बहुत मदत करेगा | इस स्तोत्र को जागृत या सिद्ध स्तोत्र कहा गया है जिसका मतलब है की ये स्वयंसिद्ध है, आपको इसे सिद्ध करने की आवश्यकता नहीं है | माँ दुर्गा की एक पुस्तिका है जिसे दुर्गा सप्तशती या चंडीपाठ कहते है, जो भी माँ दुर्गा के सप्तशती का पाठ नवरात्रि में ९ दिन करता है, वह माँ दुर्गा को प्यारा बन जाता है, माँ उसपे बहुत ही प्रसन्ना रहती है और उसे इच्छित वर प्रदान करती है और उसकी सर्व मनोकामना की पूर्ति करती है | लेकिन जो लोग यह पाठ नहीं कर पाते वह लोग इस सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर आपना जीवन धन्य बना सकते है | इस स्तोत्र को नवरात्री में ९ दिन तक रोज ९ बार पाठ करने से माँ दुर्गा का आशीर्वाद निश्चित मिलता ही है |

हर इंसान को इस स्तोत्र को अपने दैनिक पूजन में सम्मिलित कर लेना चाहिए | ब्रम्हमहुर्त  जो की ४ बजे होता है और रात ११ बजे या सोने से पहले इसका जाप अत्यधिक फलदायी होता है | इस मंत्र का प्रभाव और भी बढ़ जाता है अगर आप सिद्ध दुर्गा यंत्र के सामने इसका जाप करे |

कुंजिका का मतलब है "बहुत ही रहस्यमयी और गुप्त" | इस स्तोत्र को दुर्गा सप्तशती का मूल मंत्र बताया गया है और इसमें कई प्रभावशाली बीज मंत्र भी सम्मिलित किये गए है | सबसे शक्तिशाली माँ दुर्गा का मंत्र है "ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाये विच्चे " |

आप नीचे दिये गये स्तोत्र के पाठ के साथ रोजाना माँ दुर्गा के बीज मंत्र का जाप कर सकते है | 


सिद्ध कुञ्जिका स्तोत्र

 शिव  उवाच

शृणु देवी प्रवक्ष्यामी कुंजिका-स्तोत्र-मुत्तमम् |
येन मंत्र-प्रभावेण चंडी-जापः शुभो भवेत् ||१||

न कवचम नार्गला-स्तोत्रं किल-कम न रहस्य-कम् |
न सूक्तम नापि ध्यानम च न न्यासो न च वर्चानम् ||२||

कुञ्जिका-पाठ-मात्रेण दुर्गा-पाठ-फलं लभेत् |
अति गृह्यतरं देवी देवा-नामपि दुर्लभम् ||३||

गोप-नियम प्रयत्नेन स्वयो-निरिव पार्वती |
मारनम मोहनम वश्यम स्तम्भनो-च्चा-टना-दिकम् |
पाठ-मात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिका-स्तोत्र-मुत्तमम् ||४||

अथ मन्त्र
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे | ॐ ग्लौं हुं क्लीं जुं सः
ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट स्वाहा

|| इति मन्त्रः ||
नमस्ते रुद्र-रुपिन्यै  नमस्ते मधु-मर्दिनी |
नमः कैट-भहा-रीन्यै नमस्ते महिषा-र्दिनी ||१||
नमस्ते शुंभहंत्र्यै च निशुंभा-सूर-घातिनी ||२||
जाग्रतं हि महादेवी जपं सिद्धिं कुरुष्व मे |
ऐंकारी सृष्टी-रूपायै ह्रींकारी प्रती-पालिका ||३||
क्लीन्कारी  काम-रुपिन्यै बीज-रूपे नमोस्तुते |
चामुण्डा चंड-घाती च यैकारी वर-दायिनी ||४||
विच्चे चाभ-यदा नित्यं नमस्ते मन्त्र-रूपिनी ||५||
धां धीं धुं धुर्जटे: पत्नी वां विं वुं वाग-धीश्वरी |
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवी शां शिं शूं मी शुभम कुरु ||६|
हुं हुं हुंकार-रुपिन्यै जं जं जं जंभ-नादिनी |
भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भावान्यै ते नमो नमः ||७||
अं कं चं टं तं पं यं शं विं दूम ऐं विं हं क्षं
धीजाग्रम धीजाग्रम त्रोटय त्रोटय दीप्तम कुरु कुरु स्वाहा ||
पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खुं खेचरी तथा ||८||
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्र-सिद्धिं कुरुष्व मे ||

|| फलश्रुती ||
इदं तू कुन्जीका-स्तोत्रम मन्त्र-जागर्ति-हेतवे |
अभक्ते नैव दातव्यम गोपितम रक्ष पार्वती ||
यस्तु कुन्जीकया देवी हिनाम सप्तशती पठेत |
न तस्य जायते सिद्धिर-राण्यै रोदानं यथा ||


। इतिश्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वती
संवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम्‌ ।


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Kunjika Stotram is dedicated to Goddess Maa Durga. She is known as the Mother of Whole World (MAA) and also known as Maa Adishakti. This Stotra known as Siddha Kunjika Stotram has very Powerful Words that will help People in Troubles, Vanquish all the Obstacles and help in living Peaceful Life, you will get Success in every endevour of your life. Besides this it is known as Jagrut Stotra or Siddha Stotra which means that it is fully energised Stotra. There is a Book known as Durga Saptashati or Chandi Paath which is being read during 9 Days of Navaratri, It is very vast and those who read Durga Saptashati during these 9 Days of Navaratri gets the Divine Blessing of Maa Durga and becomes very dear to Maa Durga, those who are unable to read those vast chapters of Durga Saptashati can read this small Kunjika Stotram and get all the benefits of reading Durga Saptashati. One who recites this stotra for 9 times daily during 9 days of Navratri receives blessings of Maa Durga.

One must include this prayer daily in their Pujan, One must read it during Bramhamahurta i.e. 4 am and Night after 11 am or before sleeping, which provides very powerful effect. The intensity of this mantra increases even more if you use an energised Durga Yantra.

Kunjika means "SOMETHING VERY RARE AND POWERFUL AND HIDDEN". This stotra is known as Mool Mantra of Durga Saptashati and it includes very powerful beej mantras in it. The Most powerful Beej mantra of Maa Durga is "OM AING HREEM KLEEM CHAMUNDAAYEI VICCHE".

You can read the Kunjika Stotram given Below and in addition to it chant one mala of the Beej Mantra of Maa Durga daily will help you even more.

SIDDHA KUNJIKA STOTRAM

SHIVA UVAACHA

SHRUNU DEVI PRAVAK-SHYAMI KUNJIKA-STOTRA-MUTTAMAM |
YEN MANTRA-PRABHAAVEN CHANDI-JAPAH SHUBHO BHAVET ||1||
NA KAVACHAM NARGALA-STOTRAM KILAKAM NA RAHASYAKAM |
NA SUKTAM NAAPI DHYAANAM CHA NA NYAASO NA CHA VAARCHANAM||2||

KUNJIKA-PAATH MAT-RE-NA DURGA-PAATH-FALAM LABHET |
ATI GRU-HYAN-TARAM DEVI DEVA-NAA-MAPI DURLABHAM ||3||

GOPANIYAM PRAYA-TNEN SWAYO-NIRIV PAARVATI |
MAARANAM MOHANAM VASHYAM STAM-BHANO-CHAATANAA-DIKAM |
PAATH-MATREN SAN-SIDDHAYET KUNJIKA-STOTRA-MUTTAMAM ||4||

ATHA MANTRA
OM AING HREEM KLEEM CHAMUNDAAYEI VICCHE | OM GLOUM HUM KLEEM JUM SAH
JWAALAY JWAALAY JWAL JWAL PRAJWAL PRAJWAL
AING HREEM KLEEM CHAMUNDAYE VICCHE JWAL HAM (हं) SAM (सं) LAM (लं) KSHAM (क्षं) PHAT SWAAHA
|| ITI MANTRAH ||
NAMASTE RUDRA-RUPINYEI NAMASTE MADHU-MAR-DINI |
NAMAH KAIT-BHAHA-RINYEI NAMASTE MAHI-SHAAR-DINI ||1||
NAMASTE SHUMBHA-HANTRA-YEI CHA NI-SHUMBHA-SUR-GHAA-TINI ||2||
JAAGRATAM HI MAHADEVI JAPAM SIDDHIM KURUSHVA ME |
AIN-KARI SHRUSHTI-RUPAAYEI HREEN-KARI PRATI-PAALIKA ||3||
KLEEN-KARI KAAM-RUPINYEI BEEJ RUPE NAMO-STU TE |
CHAMUNDAA CHAND-GHAATI CHA YAI-KAARI VAR-DAAYINI ||4||
VICCHE CHAABH-YADA NITYAM NAMASTE MANTRA-RUPINI ||5||
DHAAM (धां) DHEEM (धीं) DHOOM (धुं) DHUR-JATEH PATNI VAAM (वां) VEEM (विं) VOOM (वुं) VAAG-DHISH-VARI |
KRAAM (क्रां) KREEM (क्रीं) KROOM (क्रूं) KAALIKA DEVI SHAAM (शां) SHEEM (शिं) SHOOM (शूं) ME SHUBHAM KURU ||6||
HUM (हुं) HUM (हुं) HUMKAAR-RUPINYEI (हुंकार-रूपिन्ये) JAM (जं) JAM (जं) JAM JAMBHA-NAADINI |
BHRAAM (भ्रां) BHREEM (भ्रीं) BHROOM(भ्रूं) BHAIRAVI BHADRE BHAVAAN-YEI TE NAMO NAMAH ||7||
AM (अं) KAM (कं) CHAM (चं) TAM (टं) TAM (तं) PAM (पं) YAM (यं) SHAM (शं) VEEM (विं) DUM (दूम) AING (ऐं) VEEM (विं) HAM (हं) KSHAM (क्षं) 
DHEE-JAAGRAM DHEE-JAAGRAM TROTAY TROTAY DEEP-TAM KURU KURU SWAHA ||
PAAM (पां) PEEM (पीं) POOM (पुं) PAARVATI PURNA KHAM (खां) KHEEM (खीं) KHOOM (खुं) KHECHARI TATHAA ||8||
SAAM (सां) SEEM (सिं) SOOM (सूं) SAPTASHATI DEVYA MANTRA-SIDDHIM KURUSHVA ME ||

|| PHAL SHRUTI ||
IDAM TU KUNJIKA-STOTRAM MANTRA-JAAGARTI-HETAVE |
ABHAKTE NAIVA DAATA-VYAM GOPITAM RAKSH PAARVATI ||
YASTU KUNJI-KAYAA DEVI HEENAM SAPTASHATI PATHET |
NA TASYA JAAYATE SIDDHIR-RANYEI RODANAM YATHAA ||

| ITI-SHREE-RUDRAYAA-MALE GAURI-TANTRE SHIV-PARVATI
SAVADE KUNJIKASTOTRAM SAMPURNAM |

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Importance of Shell in Worship | पूजा में शंख का महत्त्व

प्राचीन काल में धार्मिक, अध्यात्मिक पूजा-पाठ में शंख की महत्वा रही है | अपने गुणों और प्रभावशीलता के कारण हिंदु पूजा पद्धति में शंख एक ...